Table of Contents
- 1 हनुमान आरती के लाभ निम्नलिखित हैं:
- 2 श्री हनुमान की आरती | Aarti Hanuman Ji Ki
- 3 श्री हनुमान की आरती हिंदी में देखें | श्री हनुमान की आरती हिंदी में सुनें
- 4 हनुमान जी की आरती से संबंधित 15 सामान्य प्रश्न और उनके उत्तर निम्नलिखित हैं:
- 4.1 हनुमान जी की आरती क्या है?
- 4.2 हनुमान जी की आरती कब की जाती है?
- 4.3 हनुमान जी की आरती करने के क्या लाभ हैं?
- 4.4 हनुमान जी की आरती कहाँ की जा सकती है?
- 4.5 क्या हनुमान जी की आरती किसी विशेष समय पर की जानी चाहिए?
- 4.6 हनुमान जी की आरती का प्रमुख उद्देश्य क्या है?
- 4.7 हनुमान जी की आरती में कितने श्लोक होते हैं?
- 4.8 हनुमान जी की आरती से कौन सी नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं?
- 4.9 क्या हनुमान जी की आरती से स्वास्थ्य लाभ होता है?
- 4.10 हनुमान जी की आरती कैसे करनी चाहिए?
- 4.11 हनुमान जी की आरती के समय कौन-कौन से उपकरणों का उपयोग किया जा सकता है?
- 4.12 हनुमान जी की आरती के बाद क्या करना चाहिए?
- 4.13 क्या हनुमान जी की आरती अकेले की जा सकती है?
- 4.14 हनुमान जी की आरती किस भाषा में गाई जा सकती है?
- 4.15 क्या हनुमान जी की आरती का पाठ हर दिन किया जा सकता है?
हनुमान आरती के लाभ निम्नलिखित हैं:
- मानसिक शांति: हनुमान आरती के नियमित पठन से मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है। यह तनाव और चिंता को दूर करने में सहायक होता है।
- आत्मविश्वास में वृद्धि: हनुमान जी की आरती गाने से आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है। यह भयरहित और दृढ़ संकल्प के साथ कार्य करने की प्रेरणा देता है।
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश: हनुमान आरती के नियमित पठन से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियाँ दूर होती हैं। यह घर और कार्यस्थल को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है।
- शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार: आरती के नियमित पठन से शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और बीमारियों से मुक्ति मिलती है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: हनुमान आरती गाने से आध्यात्मिक उन्नति होती है और भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है। यह जीवन में धार्मिक और आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करता है।
- कठिनाइयों का समाधान: हनुमान जी की आरती के पठन से जीवन की कठिनाइयों और समस्याओं का समाधान मिलता है। यह संकटों से रक्षा करता है और मार्गदर्शन प्रदान करता है।
- बाधाओं का निवारण: हनुमान आरती के नियमित पठन से जीवन की सभी बाधाओं और विपत्तियों का निवारण होता है। यह सफलता प्राप्त करने में सहायक होता है।
- भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति: हनुमान जी की आरती गाने से भूत-प्रेत और बुरी आत्माओं का नाश होता है। यह भय और भूत-प्रेत बाधा से रक्षा करता है।
- परिवार में सुख-शांति: हनुमान आरती गाने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है। यह परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और सहयोग को बढ़ाता है।
- कर्मों का शुद्धिकरण: हनुमान जी की आरती के पठन से कर्मों का शुद्धिकरण होता है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है। यह पापों का नाश करता है और पुण्य की वृद्धि करता है।
श्री हनुमान की आरती | Aarti Hanuman Ji Ki
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
जाके बल से गिरिवर कांपे।
रोग दोष जाके निकट न झांके॥
अंजनि पुत्र महा बलदायी।
संतन के प्रभु सदा सहाई॥
दे बीरा रघुनाथ पठाये।
लंका जारि सिया सुधि लाये॥
लंका सो कोट समुद्र-सी खायी।
जात पवनसुत बार न लाई॥
लंका जारि असुर संहारे।
सियारामजी के काज संवारे॥
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।
आनि संजीवन प्राण उबारे॥
पैठि पाताल तोरि जम-कारे।
अहिरावण की भुजा उखारे॥
बाएं भुजा असुर दल मारे।
दाहिने भुजा संतजन तारे॥
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारें।
जय जय जय हनुमान उचारें॥
कंचन थार कपूर लौ छाई।
आरती करत अंजना माई॥
जो हनुमान जी की आरती गावे।
बसि बैकुण्ठ परमपद पावे॥
श्री हनुमान आरती के बोल समापन
आरती हनुमान जी की और उसका अर्थ
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
अर्थ: हनुमान जी की आरती कीजिए, जो रघुनाथ जी की कला के साथ दुष्टों का दलन (नाश) करते हैं।
जाके बल से गिरिवर कांपे।
रोग दोष जाके निकट न झांके।।
अर्थ: जिनके बल से बड़े-बड़े पर्वत कांपते हैं, और जिनके निकट रोग और दोष नहीं आते।
अंजनि पुत्र महा बलदाई।
संतन के प्रभु सदा सहाई।।
अर्थ: अंजनी के पुत्र, महान बलशाली, जो संतों के प्रभु और सदा सहायक हैं।
दे बीरा रघुनाथ पठाए।
लंका जारि सिया सुधि लाए।।
अर्थ: वीर हनुमान को रघुनाथ जी ने भेजा, जिन्होंने लंका जला दी और सीता जी की सुध (समाचार) लाए।
लंका सो कोट समुद्र-सी खाई।
जात पवनसुत बार न लाई।।
अर्थ: लंका करोड़ों की थी और समुद्र जैसी गहरी खाई थी, पवनसुत हनुमान उसे पार करने में क्षणभर भी नहीं लगाए।
लंका जारि असुर संहारे।
सियारामजी के काज संवारे।।
अर्थ: लंका को जलाया, असुरों का संहार किया, और सियाराम जी के कार्य को सफलतापूर्वक पूरा किया।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।
आनि संजीवन प्राण उबारे।।
अर्थ: लक्ष्मण जी मूर्छित पड़े थे, उन्हें संजीवनी लाकर उनके प्राणों की रक्षा की।
पैठि पाताल तोरि जमकारे।
अहिरावण की भुजा उखारे।।
अर्थ: पाताल में प्रवेश करके यमराज के कार्यों को तोड़ा, और अहिरावण की भुजाओं को उखाड़ दिया।
बाएं भुजा असुर दल मारे।
दाहिने भुजा संतजन तारे।।
अर्थ: बायीं भुजा से असुरों के दल को मारा, दाहिनी भुजा से संतजन को तारा (उद्धार किया)।
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे।
जै जै जै हनुमान उचारे।।
अर्थ: देवता, मनुष्य और मुनिजन आपकी आरती उतारते हैं, और जय-जयकार करते हैं।
कंचन थार कपूर लौ छाई।
आरती करत अंजना माई।।
अर्थ: कंचन के थाल में कपूर की लौ से आरती कर रही हैं अंजना माई।
जो हनुमानजी की आरती गावे।
बसि बैकुंठ परमपद पावे।।
अर्थ: जो हनुमान जी की आरती गाता है, वह बैकुंठ (स्वर्ग) में निवास करता है और परमपद प्राप्त करता है।
दोहा:
लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।
बज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपि सूर।।
अर्थ: लाल देह लाली से लसती है, और लाल लंगूर धारण करते हैं। बज्र के समान देह है, जो दानवों का दलन करते हैं, जय-जय-ज
श्री हनुमान की आरती हिंदी में देखें | श्री हनुमान की आरती हिंदी में सुनें
हनुमान जी की आरती से संबंधित 15 सामान्य प्रश्न और उनके उत्तर निम्नलिखित हैं:
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हनुमान जी की आरती क्या है?
हनुमान जी की आरती एक धार्मिक गान है जो भगवान हनुमान की स्तुति और उनकी महिमा का वर्णन करता है।
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हनुमान जी की आरती कब की जाती है?
हनुमान जी की आरती प्रायः मंगलवार और शनिवार को की जाती है, परन्तु इसे किसी भी दिन किया जा सकता है।
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हनुमान जी की आरती करने के क्या लाभ हैं?
मानसिक शांति, नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति, आत्मविश्वास में वृद्धि, स्वास्थ्य लाभ, और जीवन की कठिनाइयों का समाधान।
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हनुमान जी की आरती कहाँ की जा सकती है?
हनुमान जी की आरती मंदिर में, घर में या किसी भी पवित्र स्थल पर की जा सकती है।
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क्या हनुमान जी की आरती किसी विशेष समय पर की जानी चाहिए?
हनुमान जी की आरती प्रातःकाल और संध्याकाल में करना उत्तम माना जाता है।
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हनुमान जी की आरती का प्रमुख उद्देश्य क्या है?
भगवान हनुमान की स्तुति करना और उनकी कृपा प्राप्त करना।
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हनुमान जी की आरती में कितने श्लोक होते हैं?
हनुमान जी की आरती में विभिन्न छंद और श्लोक होते हैं, परंतु मुख्य आरती सामान्यतः एक ही होती है।
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हनुमान जी की आरती से कौन सी नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं?
हनुमान जी की आरती से भूत-प्रेत, बुरी आत्माएँ, और अन्य नकारात्मक ऊर्जाएँ दूर होती हैं।
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क्या हनुमान जी की आरती से स्वास्थ्य लाभ होता है?
हाँ, हनुमान जी की आरती करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
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हनुमान जी की आरती कैसे करनी चाहिए?
साफ-सफाई के बाद, दीपक जलाकर, शुद्ध मन से हनुमान जी की आरती गानी चाहिए।
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हनुमान जी की आरती के समय कौन-कौन से उपकरणों का उपयोग किया जा सकता है?
थाली, दीपक, कपूर, और घंटी का उपयोग किया जा सकता है।
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हनुमान जी की आरती के बाद क्या करना चाहिए?
प्रसाद वितरण करना चाहिए और भगवान हनुमान का आशीर्वाद लेना चाहिए।
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क्या हनुमान जी की आरती अकेले की जा सकती है?
हाँ, हनुमान जी की आरती अकेले या समूह में की जा सकती है।
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हनुमान जी की आरती किस भाषा में गाई जा सकती है?
हनुमान जी की आरती संस्कृत, हिंदी या किसी भी स्थानीय भाषा में गाई जा सकती है।
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क्या हनुमान जी की आरती का पाठ हर दिन किया जा सकता है?
हाँ, हनुमान जी की आरती का पाठ हर दिन किया जा सकता है, इससे भगवान हनुमान की कृपा सदैव प्राप्त होती है।